वास्तु के अनुसार घर के बीचों-बीच बैठकर भोजन करना क्यों है जरुरी ?

भारतीय संस्कृति में भोजन को केवल पेट भरने का साधन नहीं माना जाता बल्कि इसे एक पवित्र क्रिया के रूप में देखा जाता है। खासकर घर के बीचों-बीच बैठकर भोजन करना न केवल एक परंपरा है, बल्कि इसके पीछे विज्ञान, स्वास्थ्य, और वास्तु दोनों का गहरा अर्थ छिपा हुआ है। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों घर के बीचों-बीच भोजन करना लाभकारी माना जाता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार सही स्थान
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के बीच का भाग या मध्य क्षेत्र घर का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र हिस्सा माना जाता है। यह क्षेत्र ऊर्जा का केंद्र होता है, जहां सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है। जब परिवार के सदस्य इसी जगह बैठकर भोजन करते हैं, तो उन्हें घर की सकारात्मक ऊर्जा मिलती है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी होती है। यह क्षेत्र घर की ऊर्जा को संतुलित करता है और भोजन के दौरान इस ऊर्जा का सीधा लाभ लेने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, तनाव कम होता है और मन में शांति बनी रहती है।

पारिवारिक एकता और संवाद
घर के बीचो-बीच बैठकर भोजन करने से परिवार के सभी सदस्य एक साथ आते हैं। यह पारिवारिक बंधन को मजबूत करता है और आपसी संवाद को प्रोत्साहित करता है। जब पूरा परिवार एक साथ बैठकर भोजन करता है, तो हर कोई अपने दिन की बात साझा कर सकता है, जिससे आपसी समझ बढ़ती है और रिश्ते गहरे होते हैं। इस तरह का सामूहिक भोजन तनाव और दूरियों को कम करता है और घर में सुख-शांति और प्रेम का वातावरण बनाता है।

स्वास्थ्य और पाचन पर सकारात्मक प्रभाव
घर के केंद्र में बैठकर भोजन करने से आप भोजन पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। यह मानसिक रूप से आपको शांत करता है और भोजन को ठीक से चबाने एवं पचाने में मदद करता है। जब हम ध्यान केंद्रित होकर भोजन करते हैं, तो पाचन तंत्र बेहतर काम करता है, जिससे अपच, एसिडिटी और अन्य पाचन संबंधी परेशानियां कम होती हैं। इसके अलावा, घर के बीचों-बीच बैठने से भोजन के समय का नियम बना रहता है, जो शरीर के जैविक घड़ी के अनुकूल होता है और स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह
घर के बीचों-बीच भोजन करने से घर के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित होता है। यह ऊर्जा शरीर और मन दोनों को लाभ पहुंचाती है। वास्तु के अनुसार, घर के मध्य भाग में जब परिवार के सदस्य एक साथ भोजन करते हैं, तो घर की ऊर्जा स्थिर और संतुलित रहती है। इस संतुलित ऊर्जा के कारण घर में प्रेम, समझदारी, और समृद्धि आती है। उल्टी ऊर्जा या नकारात्मकता दूर हो जाती है, जिससे घर का वातावरण खुशहाल बनता है।

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